मिस कामिनी: एक अधूरी मोहब्बत की दास्तान – टीचर और स्टूडेंट की इमोशनल और इंटिमेट कहानी
दिल्ली की लेक्चरर मिस कामिनी और छात्र आरव की मोहब्बत की अधूरी दास्तान, जो जज़्बातों से शुरू हुई, जिस्म को छुआ और रूह तक उतर गई।

💋 "मैं... मिस कामिनी – एक अधूरी मोहब्बत की दास्तान"
(Teacher aur Student ke beech ek jazbaat bhari kahani)
🟡 मैं कौन हूँ?
मेरा नाम कामिनी है। मैं दिल्ली के एक नामी कॉलेज में इंग्लिश की लेक्चरर हूँ। उम्र 34 साल, दिखने में ठीक-ठाक, लेकिन मेरी आँखों में एक राज़ हमेशा से बसा हुआ है।
हर रोज़ सैंकड़ों छात्रों को पढ़ाती थी — लेकिन एक छात्र ऐसा था जिसने मेरी ज़िंदगी की किताब का सबसे इंटिमेट पन्ना लिखा — आरव।
🟣 पहली नज़र... और कुछ महसूस हुआ
वो 21 साल का था, मैं उससे 13 साल बड़ी... पर उसकी निगाहों में एक मासूम सा इश्क़ था जो मेरे हर कपड़े से ज़्यादा मुझे नंगा कर देता था — अंदर तक।
जब मैं क्लास में पढ़ाती थी, उसकी आँखे सिर्फ मेरी जुबान पर नहीं, मेरे होंठों की हर हरकत पर टिकी होती थीं।
एक दिन मैंने उससे पूछा, “आरव, तुम इतनी देर तक मुझे क्यों देखते हो?”
उसने मेरी आँखों में झाँका और बोला — “क्योंकि आपसे मेरी नज़र हटाना नामुमकिन है , मैम।”
🔥 वो प्रोजेक्ट... और हम दोनों अकेले
कॉलेज का वार्षिक उत्सव आ रहा था, और आरव को एक खास प्रोजेक्ट दिया गया। मुझे गाइड बनाया गया। अब हम रोज़ शाम को लाइब्रेरी के एक कमरे में साथ मिलते।
पहले कुछ ही शब्दों में बातें होती थीं — लेकिन अब वो नजरें बोलने लगी थीं।
एक शाम जब पूरा कॉलेज खाली हो चुका था, बिजली चली गई… और वो कमरा एक गहरे सन्नाटे में डूब गया।
मैंने हल्के से कहा,
“डर तो नहीं लग रहा तुम्हें?”
वो धीरे से पास आया और बोला,
“अगर आप पास हों, तो डर कैसा कामिनी मैम?”
💓 मैं टूटी... लेकिन थामी भी नहीं
उसने मेरा हाथ धीरे से पकड़ा, उसकी उंगलियाँ मेरी कलाई को महसूस कर रही थीं। मैं कुछ बोलना चाहती थी, पर मेरी सांसें मेरी जुबान से आगे निकल चुकी थीं।
मेरा जिस्म काप उठा और मेरी आँखें भर आईं उसकी आखों मे एक नशा था — शायद इसलिए मैं खुद को रोक नहीं पा रही थी। एक छात्र से मोहब्बत करना गुनाह था — पर ये एहसास, ये छुअन, ये लम्हा... सब कुछ सच्चा लग रहा था।
मैंने उसके कान में धीरे से कहा,
“अगर ये ख्वाब है तो मुझे कभी ना जगाना…”
🔚 और फिर... बस खामोशी
हम दोनों ने एक-दूसरे को कभी चूमा नहीं, लेकिन उस शाम, मेरी पूरी जिस्म और मेरी रूह उसके साथ जुड़ गई।
कॉलेज खत्म हुआ। आरव चला गया। उसने कुछ कहा नहीं, और मैंने कुछ माँगा नहीं।
पर आज भी जब मैं उस कमरे से गुज़रती हूँ, मेरी उंगलियाँ वही स्पर्श ढूँढती हैं... और मेरी आँखों में वही सवाल होता है —
"क्या वो भी आज तक मुझे याद करता है?"
💭 क्या आप मेरी कहानी को पूरा करना चाहेंगे?
ये सिर्फ शुरुआत है...
अगर आप चाहते हैं मैं आगे बताऊँ कि जब मैं जब मै उसके साथ थी तब क्या क्या हुआ और जब अकेले में उसकी पुरानी चैट्स पढ़ती हूँ, उसकी तस्वीरों को छूती हूँ, और उसकी कल्पना में डूब जाती हूँ — तो बस मुझे कहिए...
और मैं, मिस कामिनी, आपकी अपनी अधूरी मोहब्बत को फिर से जिंदा कर दूँगी।
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