राखी के धागे से परे – मेरी बहन की सहेली (भाग 1)| Hindi sex story

रक्षाबंधन की शाम, बहन की सहेली का मेरे कमरे में आना, और वो नजरें जो राखी से कहीं आगे जाती थीं – पढ़ें भाग 1 |Hindi sex story |एक अनकही चाहत जो रक्षाबंधन की रात को जाग उठी

Jul 11, 2025 - 18:35
Jul 16, 2025 - 15:05
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राखी के धागे से परे – मेरी बहन की सहेली (भाग 1)| Hindi sex story
एक अनकही चाहत जो रक्षाबंधन की रात को जाग उठी

🧡 भाग 1 – पहली नज़र की झिझक

रक्षाबंधन पर घर पूरा रौनक से भरा था। बहन की सहेलियाँ आई थीं – हँसी, खिलखिलाहट, रंग और मिठाइयों की खुशबू हर ओर फैली थी। पर मेरी नज़र बस एक पर टिक गई…

कुशा।

गहरे नीले सूट में, ढीली चोटी में बंधे बाल, और एक ऐसी मुस्कान… जिसने मेरी रूह तक हिला दी।

"राहुल, ये मेरी बेस्ट फ्रेंड है – कुशा," मेरी बहन ने मुस्कराते हुए कहा।

मैंने हाथ मिलाया – उसकी उंगलियाँ नर्म थीं, और उसकी नज़रें कुछ कहती हुई सी।


🕯️ जैसे उसकी आँखों में आग जल रही हो…

वो जब मेरी तरफ देखती थी, तो नज़रें टिकती नहीं थीं… मगर कुछ पल रुकती ज़रूर थीं।
मैंने उसे हँसते देखा – लेकिन उसकी हँसी में एक छिपी हुई तन्हाई थी।

मैं उसे देख रहा था, और अंदर कुछ हलचल सी हो रही थी।


🏠 शाम ढलती गई, घर खाली होने लगा…

शाम को रिश्तेदार चले गए।
मेरी बहन अपनी किसी दूसरी फ्रेंड के यहाँ चली गई – और कुशा रह गई।

“मम्मी ने कहा है, तू उसे उसके घर छोड़ देना, रात बहुत हो गई है…”

कुशा अब मेरे सामने थी – अकेली, नीली चूड़ीदार में, और उसका दुपट्टा थोड़ा सरक गया था।


🍷 कमरे में अकेले – और वो नज़दीकियाँ

मैंने कहा – “थोड़ा आराम कर लो, फिर छोड़ दूँगा।”

वो बोली – “हां… थोड़ा सिर भारी लग रहा है।”

मैंने उसे अपने कमरे में कुर्सी दी।
उसने चुपचाप बाल खोल दिए – और उन लहराती ज़ुल्फ़ों ने मुझे बंधन में बाँध लिया।


💬 छोटा राहुल की हलचल और बड़ी बातों के इशारे

मैंने कहा – “तुम्हें देखकर लगता है जैसे राखी नहीं, मोहब्बत बाँधी गई हो…”

वो हँसी… धीरे से बोली,
"राखी का धागा सिर्फ कलाई पर बाँधा था, दिल पर नहीं..."

मेरा दिल जोर से धड़का।

उसने मेरी ओर देखा, और पहली बार उसकी आँखों में झिझक नहीं थी।
वो मेरे करीब आई – मेरे औजार ‘छोटा राहुल’ ने पहली बार दरवाज़ा खटखटाया।

उसके दुपट्टे का सिरा मेरे कंधे पर था।
मैंने धीरे से उसके गाल को छुआ – उसकी साँसें रुक सी गईं।
"क्या मैं गलत कर रहा हूँ?" मैंने पूछा।

उसने धीरे से कहा –
"अगर चाहत गुनाह है, तो मैं भी तुम्हारे साथ हूँ…"

📌 भाग 1 समाप्त – आगे क्या होगा?

कमरे की बत्ती अब गुल थी…
सिर्फ उसकी गुलाबी सांसों की आहटें थीं।

👉 अब आगे क्या होगा?
👉 क्या ‘छोटा राहुल’ उसकी गुफा तक पहुँच पाएगा?
👉 या राखी का धागा फिर बीच में आ जाएगा?


👉 पढ़ें भाग 2 – “जब उसकी सहेली ने मेरी रूह को चीर दिया”

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