शादीशुदा होते हुए भी... (एक अधूरी प्यास की पूरी होती कहानी)

शादीशुदा औरत का जिम ट्रेनर के साथ गहरा अफेयर – एक ऐसा जुनून जो समाज की सीमाओं को तोड़ देता है। अंजलि की कहानी, जहाँ प्यार, भूख और निषिद्ध इच्छाएँ एक हो जाती हैं।

Jul 18, 2025 - 18:53
Jul 18, 2025 - 18:56
 0  40
शादीशुदा होते हुए भी... (एक अधूरी प्यास की पूरी होती कहानी)
मेरा नाम अंजलि है। उम्र 33 साल। दो बच्चों की माँ और एक आदर्श गृहिणी, जैसा समाज चाहता है। शादी को 6 साल हो चुके थे। पति की व्यस्तता, बच्चों की ज़िम्मेदारी, और उस पर समाज की सीमाएँ — सब कुछ था, बस एक कमी थी… मैं खुद


🖋️ कहानी: शादीशुदा होते हुए भी...

(एक अधूरी प्यास की पूरी होती कहानी)


मेरा नाम अंजलि है। उम्र 33 साल।
दो बच्चों की माँ और एक आदर्श गृहिणी, जैसा समाज चाहता है। शादी को 6 साल हो चुके थे। पति की व्यस्तता, बच्चों की ज़िम्मेदारी, और उस पर समाज की सीमाएँ — सब कुछ था, बस एक कमी थी… मैं खुद।

फिर मेरी ज़िंदगी में "राज" आया — मेरा जिम ट्रेनर। छाती चौड़ी, गहरी आँखें, और आवाज़ में ऐसा कमांड कि जिस्म खुद-ब-खुद हरकत में आ जाए। जब उसने पहली बार मेरी कमर को पकड़कर कहा,

"मैम, थोड़ा और नीचे झुकिए... ऐसे,"
तो मेरे भीतर कुछ पिघलने लगा।

हर दिन उसके साथ एक्सरसाइज़ का बहाना बनता गया। वो मेरी पीठ सहलाता, तो उसका स्पर्श मेरी रूह को भिगो देता। उसकी नज़रें जैसे हर बार कुछ कहती थीं — जो मैं सुनना चाहती थी।


🏋️‍♂️ जिम की पहली ‘Private Session’

एक दिन, जब पूरा जिम खाली था, उसने मेरी ओर झुककर कहा:

आप खुश हैं?

मेरी साँस अटक गई। मैं कुछ नहीं बोली। बस उसे देखा… और उसी दिन हमारी पहली 'private session' शुरू हुई।

उसने मुझे जिम बेंच पर बैठाया, और पीछे से मेरी कमर को अपनी बाहों में जकड़ लिया। उसके होंठ मेरी गर्दन को चूमने लगे।

तुम्हारी त्वचा… आग है,” उसने मेरे कान में कहा।

उसकी उंगलियाँ अब मेरी पीठ पर नहीं, मेरे उभरे हुए नर्म स्तनों पर चल रही थीं। जब उसकी ज़ुबान ने उन्हें गोल घेरे में चखना शुरू किया, तो जैसे मेरे भीतर कोई तूफ़ान जाग गया।

उह्ह... आह्ह... राज... मत रुको...

उसकी उंगलियाँ मेरी भीगती पंखुड़ियों के रहस्यों को टटोलने लगीं।

हाँ वहीं... और अंदर... उह्ह्ह...

अगर आपको शादीशुदा औरतों के गहरे रिश्तों की कहानियाँ पसंद हैं, तो साली ने पहली बार जीजा की नजरें बदलीं – पहली चाहत की शुरुआत  ज़रूर पढ़ें


🔁 हर दो दिन... और नई positions

अब हर दो दिन हमारी क्लास होती — कभी बेंच पर, कभी मैट पर, कभी स्ट्रेचिंग मशीन के सहारे।

पाँव थोड़ा और खोलो… हाँ, ऐसे,” — उसकी आवाज़ धीमी होती, पर मेरे भीतर की लहरें तेज़ हो जातीं।

कभी वो मुझे उल्टा लिटाकर पीछे से गहराई तक उतरता, कभी सामने से गोद में बिठाकर भरता।

उसका पहला धक्का ऐसा था, जैसे मेरे भीतर की हर बंद दीवार को तोड़ता हुआ कोई पिघला हुआ लोहा अंदर तक उतर गया हो।

राज... और... मत रोकना... हाँ... हाँ...


🚗 कार में, सीटों के बीच की प्यास

बारिश की शाम थी। राज ने मुझे गाड़ी में बुलाया।
पीछे की सीट पर उसने मुझे घुटनों पर बिठा लिया, मेरी साड़ी के नीचे उसकी उंगलियाँ रास्ता खोज रही थीं।

आज तू यहीं बहेगी,” उसने कहा।

गाड़ी के शीशे भाप से भर गए थे।

राज... कितना गहरा... आह्ह... हाँ वहीं...
अब मैं तुझे भर दूँगा... हर बार के लिए,” वो दाँत भींचते हुए बोला।


🏨 होटल रूम और पूरी रात का प्यार

वहाँ पहली बार मैंने खुद को उसके सामने पूरी तरह खोल दिया।
उसने मुझे मोमबत्तियों के बीच बिस्तर पर लेटाया, मेरी साड़ी को उँगलियों से सरकाया और कहा:

आज तुझे रुकने नहीं दूँगा।

उसकी उँगलियाँ मेरे हर curve को पढ़ रही थीं, उसकी ज़ुबान मेरी पंखुड़ियों को महसूस कर रही थी।

तेरे अंदर उतरना अब मेरा नशा बन चुका है,” वो मेरे ऊपर आकर बोला।

राज... मत रुको... पूरी तरह अंदर... उह्ह... आह...

अब ये सिर्फ मेरा शौक नहीं था, ये मेरी ज़रूरत थी

क्या आपने PG वाली लड़की और किरायेदार की पहली रात – भाग 1 वाली कहानी पढ़ी? ये भी एक जबरदस्त अफेयर स्टोरी है


🏠 जिम के बाद की क्लास – मेरे घर में

एक दिन पति टूर पर था। बच्चों को दादी के घर भेजा और राज को बुला लिया।

आह्ह... अंजलि... तू आज पागल हो गई है...

मैंने उसे मुँह में भर लिया, फिर वो मुझे पलटकर किचन की टेबल पर लिटा लाया।

तेरे हर कोने को चखूंगा आज...
उह्ह... हाँ... राज... और अंदर... और... और...

तेरे बिना अब रहा नहीं जाता... तू मेरी ज़रूरत है अंजलि... सिर्फ तू...


🌙 स्वीमिंग पूल और चाँदनी रात

होटल की छत पर पूल में हम दोनों थे।
उसने मुझे पानी में धकेला, फिर खुद भी अंदर आया।

तेरा शरीर पानी में और भी निखर रहा है...
राज... पानी के अंदर भी तू इतना सख़्त कैसे है... उह्ह... हाँ... अब छोड़ मत...

उसने मुझे दीवार से टिकाया और अंदर उतरने लगा।

राज... तू खुदा है क्या?


🔥 अब मैं सिर्फ औरत नहीं… खुद की ज़रूरत हूँ

अब मुझे हर जगह उसकी छुअन याद आती है —
रसोई में, बच्चों को सुलाते वक्त, यहाँ तक कि पति के पास सोते हुए भी।

राज ने मुझे मेरी भूख से मिलाया। अब ये सिर्फ एक अफेयर नहीं — ये मेरी पहचान है।

तेरा शरीर मेरी किताब है... और मैं हर रात उसे पढ़ता हूँ।


🔚 अंत नहीं... ये अभी बाकी है

मैं अब भी शादीशुदा हूँ… माँ भी हूँ… पर अब मैं 'मैं' भी हूँ।
और राज…? वो सिर्फ मेरा जिम ट्रेनर नहीं — वो मेरी भूख है।

(कहानी जारी है...)

What's Your Reaction?

Like Like 2
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0